सनातन धर्म, जिसे आज आम बोलचाल में हिंदू धर्म कहा जाता है, विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है। यह कोई मत या पंथ नहीं, बल्कि एक ऐसी जीवन पद्धति है जिसका कोई ज्ञात आदि या अंत नहीं है। इसीलिए इसे “सनातन” कहा गया है, जिसका अर्थ है – शाश्वत, अनादि और नित्य। अगर आपके मन में यह सवाल है — “सनातन धर्म कितना पुराना है?”, तो आइए इसे ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझते हैं।
🔷 “सनातन धर्म” का अर्थ क्या है?
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सनातन = शाश्वत, जो हमेशा से है और हमेशा रहेगा
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धर्म = वह नियम, पथ या व्यवहार, जो जीवन को सत्य, न्याय और मोक्ष की ओर ले जाए
सनातन धर्म का कोई एक संस्थापक नहीं है। यह ब्रह्मांड के सृष्टिकाल से पहले भी था और प्रलय के बाद भी रहेगा — यही इसकी मूल विशेषता है।
🔷 सनातन धर्म की आयु: अनुमान और प्रमाण
✅ 1. वैदिक काल (15000+ वर्ष पुराना)
वर्तमान में उपलब्ध प्रमाणों के अनुसार, वेदों की रचना 5000 से 15000 वर्ष पूर्व मानी जाती है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद – ये वेद सनातन धर्म की जड़ें हैं, जिनका उल्लेख ऋषियों ने किया है।
👉 ऋग्वेद को दुनिया का सबसे पुराना धार्मिक ग्रंथ माना जाता है।
✅ 2. सप्त सिंधु और सरस्वती सभ्यता
सिंधु-सरस्वती सभ्यता (7000–3000 ईसा पूर्व) में मिले अवशेष जैसे – यज्ञकुंड, शिवलिंग, योग मुद्रा, स्वास्तिक चिन्ह – यह सिद्ध करते हैं कि सनातन परंपरा इस काल में भी सक्रिय थी।
✅ 3. रामायण और महाभारत काल
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रामायण काल: लगभग 5000–7000 वर्ष पूर्व
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महाभारत काल: लगभग 3100 ईसा पूर्व (महाभारत युद्ध का अनुमानित काल)
इन कालखंडों में सनातन धर्म के मूल सिद्धांत — जैसे धर्म, कर्म, मोक्ष, अवतारवाद, पुनर्जन्म, योग, तप आदि — स्पष्ट रूप से विद्यमान थे।
🔷 क्या सनातन धर्म आज भी प्रासंगिक है?
जी हाँ। समय भले ही बदल गया हो, लेकिन:
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धर्म का सिद्धांत (सत्य, अहिंसा, करुणा)
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कर्म का नियम (जैसा करोगे, वैसा भरोगे)
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योग और ध्यान (मानसिक और आत्मिक शांति)
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वसुधैव कुटुंबकम् (संपूर्ण विश्व एक परिवार है)
— ये सब आज भी उतने ही सार्थक हैं जितने हजारों वर्ष पूर्व थे।
🔷 विज्ञान क्या कहता है?
आधुनिक पुरातत्त्व और डीएनए अध्ययन बताते हैं कि:
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भारतीय उपमहाद्वीप की सभ्यता 7000 वर्ष से भी पुरानी है।
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सिंधु घाटी और द्रविड़ संस्कृति का विकास वैदिक संस्कृति के समांतर हुआ।
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वैदिक संस्कृति में उपयोग किए गए मंत्र, अग्निहोत्र, पंचमहायज्ञ आदि आज भी भारत के कई हिस्सों में प्रचलित हैं।
🔷 निष्कर्ष: क्या कोई संख्या है?
सनातन धर्म की कोई निश्चित तारीख या वर्ष नहीं बताया जा सकता, क्योंकि यह “अनादि” है — अर्थात इसका कोई ज्ञात प्रारंभ नहीं।
इतिहासकारों और वैदिक विद्वानों के अनुसार, इसकी उम्र कम से कम 15000 से 20000 वर्ष या उससे भी अधिक मानी जा सकती है।
📌 अंतिम बात
सनातन धर्म केवल भारत का नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता का आध्यात्मिक मार्गदर्शक है। यह धर्म किसी एक युग, जाति या भाषा तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक ऐसी जीवनशैली है जो सदियों से सत्य, प्रेम और धर्म का प्रकाश फैलाती आ रही है।