📘 प्रस्तावना:
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है,
जो वसंत ऋतु में मनाया जाता है और यह हिन्दू नववर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है।
यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना, साधना और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
👉 इसे “वासंती नवरात्रि” या “रामनवमी नवरात्रि” भी कहा जाता है।
📅 चैत्र नवरात्रि 2025 में कब है?
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प्रारंभ तिथि (प्रतिपदा): मंगलवार, 1 अप्रैल 2025
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अष्टमी (दुर्गाष्टमी): मंगलवार, 8 अप्रैल 2025
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राम नवमी: बुधवार, 9 अप्रैल 2025
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समापन (दशमी): गुरुवार, 10 अप्रैल 2025
घट स्थापना (कलश स्थापना) मुहूर्त:
📍 1 अप्रैल 2025 को प्रातः 6:08 से 7:40 बजे तक (स्थानीय समय अनुसार)
🌼 चैत्र नवरात्रि का महत्व
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यह नवरात्रि ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि रचना की तिथि पर मनाई जाती है।
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श्रीराम जन्म भी इसी नवरात्रि के दौरान होता है — राम नवमी।
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मां दुर्गा की साधना से शक्ति, सुख, स्वास्थ्य और सफलता प्राप्त होती है।
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यह पर्व नववर्ष की सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक भी है।
🕉️ चैत्र नवरात्रि की पूजा विधि
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घट स्थापना: साफ स्थान पर मिट्टी डालकर जौ बोएं, उसके ऊपर कलश रखें।
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दीप प्रज्वलन और देवी आराधना
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प्रतिदिन नवदुर्गा का पूजन, मंत्र जाप और दुर्गा सप्तशती का पाठ
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व्रत रखें या फलाहार करें
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अष्टमी/नवमी पर कन्या पूजन करें
🔱 नवदुर्गा के 9 दिन और देवी के रूप
दिन | देवी का नाम | विशेषता |
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1️⃣ | शैलपुत्री | शक्ति और दृढ़ता |
2️⃣ | ब्रह्मचारिणी | तप और संयम |
3️⃣ | चंद्रघंटा | सौम्यता और वीरता |
4️⃣ | कूष्मांडा | ब्रह्मांड की रचयिता |
5️⃣ | स्कंदमाता | मातृत्व शक्ति |
6️⃣ | कात्यायनी | साहस और विजय |
7️⃣ | कालरात्रि | भय का नाश |
8️⃣ | महागौरी | शुद्धता और कल्याण |
9️⃣ | सिद्धिदात्री | सिद्धि और ज्ञान |
🍽️ भोग अर्पण के अनुसार दिन
प्रत्येक देवी को अलग-अलग भोग अर्पित करने का विधान है (जैसे – घी, मिश्री, मालपुआ, केले, शहद आदि)।
[👉 चाहें तो मैं “भोग सूची PDF” भी बना सकता हूँ।]
✨ निष्कर्ष:
चैत्र नवरात्रि आत्मशक्ति, साधना और देवी आराधना का पर्व है जो जीवन में नई ऊर्जा, स्वास्थ्य और सौभाग्य का आरंभ करता है।
इस नववर्ष के साथ मां दुर्गा से प्रार्थना करें कि वह आपकी हर बाधा हरें और शुभता बरसाएं।
🌺 “नव संवत्सर के पहले दिन मां दुर्गा का स्मरण,
जीवन को बनाए मंगलमय और शक्तिमय।”