भगवान शिव की पूजा में इनमें से किसका प्रयोग अति शुभ माना जाता है?

भगवान शिव, जिन्हें देवों के देव “महादेव” कहा जाता है, का पूजन अत्यंत सरल, प्रभावशाली और फलदायक माना गया है। शिव की पूजा में कुछ विशिष्ट वस्तुएं ऐसी मानी गई हैं जिनका प्रयोग करने से श्रद्धालु को विशेष पुण्य, मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मकता प्राप्त होती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि शिव पूजन में किन वस्तुओं का प्रयोग अति शुभ माना गया है, और क्यों।

🔱 1. बिल्वपत्र (बेलपत्र) – सबसे श्रेष्ठ अर्पण

बेलपत्र को शिव पूजन में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।

  • यह माना जाता है कि बिल्वपत्र चढ़ाने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

  • शिवपुराण के अनुसार, तीन पत्तों वाला बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक माना गया है।

  • “त्रिपत्रं बिल्वपत्रं  च शिवपूजाय कल्पते” – अर्थात यह तीन पत्तियों वाला बेलपत्र शिव पूजा में अत्यंत उपयुक्त है।

👉 टिप: बेलपत्र ताज़ा और बिना कटे-फटे हों, उस पर चंदन से “ॐ” या “शिव” लिखकर अर्पित करना श्रेष्ठ होता है।

🌼 2. सफेद पुष्प – विशेषकर धतूरा और आक

  • धतूरा, भांग और आक के फूल भगवान शिव को अर्पित करना अति शुभ माना गया है।

  • ये फूल शिव के उग्र और तपस्वी स्वरूप से जुड़े हैं।

  • धतूरा शिव का प्रिय फल माना गया है क्योंकि यह विष का प्रतीक है — और शिव ही विषपान करने वाले “नीलकंठ” हैं।

💧 3. गंगाजल और शुद्ध जल

  • भगवान शिव के सिर पर मां गंगा का वास है, अतः गंगाजल चढ़ाना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है।

  • शुद्ध जल (कुंए, नदी या RO जल) से अभिषेक करना मानसिक शांति, रोगों से मुक्ति और घर में सुख-शांति लाता है।

  • सोमवार को जल अभिषेक विशेष फलदायी होता है।

🍯 4. पंचामृत – पवित्र अभिषेक का विशेष भाग

पंचामृत में पाँच चीज़ें होती हैं:
दूध, दही, शहद, घी और शक्कर।

  • इससे शिवलिंग पर अभिषेक करने से जीवन में सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि का आगमन होता है।

  • इसे बाद में प्रसाद के रूप में ग्रहण करना भी पुण्यकारी होता है।

🪔 5. रुद्राक्ष

  • रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुआ माना जाता है।

  • शिव पूजन के समय रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करना या शिवलिंग पर रुद्राक्ष अर्पण करना अत्यंत शुभ होता है।

  • यह भक्त को नकारात्मकता से बचाता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

📿 6. मंत्र जाप – “ॐ नमः शिवाय”

  • इस पंचाक्षरी मंत्र से शिव पूजन पूर्ण होता है।

  • जितना अधिक बार “ॐ नमः शिवाय” का जाप किया जाए, उतनी ही अधिक शांति, तपस्या और कृपा प्राप्त होती है।

❌ किन वस्तुओं से परहेज़ करें?

  • तुलसी पत्र (शिव पूजा में वर्जित)

  • केतकी और चंपा के फूल

  • हल्दी और सिंदूर (शिव को अर्पण नहीं करते)

  • टूटे हुए या सूखे बेलपत्र

✅ निष्कर्ष

भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल, पंचामृत, रुद्राक्ष और मंत्र जाप का प्रयोग अति शुभ माना जाता है। यह न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि मानसिक शांति, समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा भी करता है।

शिव जी की पूजा श्रद्धा, सरलता और सच्चे मन से करें — यही उन्हें सबसे प्रिय है।

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