विश्वकर्मा भगवान की पूजा कैसे करें? – संपूर्ण पूजा विधि और महत्व

भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के पहले इंजीनियर, वास्तुकार और शिल्पशास्त्र के अधिष्ठाता देवता माना जाता है।
इनकी पूजा विशेष रूप से विश्वकर्मा जयंती (अश्विन मास के कन्या संक्रांति के दिन) और कई स्थानों पर 17 सितंबर को की जाती है।
विश्वकर्मा पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती है जो मशीन, औज़ार, निर्माण कार्य, फैक्ट्री, कंप्यूटर या किसी तकनीकी क्षेत्र से जुड़े हैं।

तो आइए विस्तार से जानें —
विश्वकर्मा भगवान की पूजा कैसे करें?

🔧 1. विश्वकर्मा पूजा का महत्व

  • भगवान विश्वकर्मा को यंत्रों, औजारों, और वास्तु निर्माण के देवता के रूप में पूजा जाता है।

  • इस दिन मशीनों, कंप्यूटर, वाहन, औद्योगिक उपकरण आदि की साफ़-सफ़ाई कर पूजा की जाती है।

  • यह पूजा कार्यस्थल पर सुरक्षा, समृद्धि और रचनात्मक ऊर्जा के लिए की जाती है।

🪔 2. पूजा की तैयारी

स्थान चयन:

  • पूजा कार्यस्थल, फैक्ट्री, दुकान, ऑफिस या घर के शांत और स्वच्छ स्थान पर करें।

सामग्री (पूजन सामग्री):

  • भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति

  • कलश, फूल, दीपक, अगरबत्ती

  • हल्दी, चावल, कुमकुम

  • मिठाई, फल, नारियल

  • यंत्र और औजार (जिनकी पूजा करनी है)

  • अक्षत, पान, सुपारी

  • लाल/पीला कपड़ा

  • पूजा थाली, जल कलश, गंगाजल

🙏 3. विश्वकर्मा भगवान की पूजा विधि

चरण 1: स्वच्छता और सजावट

  • पूजा से पहले कार्यस्थल, मशीनों, औजारों और कंप्यूटर आदि को अच्छे से साफ करें।

  • पूजा स्थल को रंगोली, फूलों और दीपों से सजाएं

चरण 2: संकल्प और आसन

  • आसन पर बैठकर शुद्ध जल से आचमन करें और हाथ में फूल लेकर पूजा का संकल्प लें:
    “ॐ श्री विश्वकर्मा देवताय नमः, आज मैं श्रद्धा से पूजा कर रहा/रही हूँ। कृपया मेरी पूजा स्वीकार करें।”

चरण 3: भगवान की मूर्ति या तस्वीर की पूजा

  • भगवान की तस्वीर या मूर्ति पर पुष्प, अक्षत, चंदन, कुमकुम, जल और धूप दीप अर्पित करें।

  • मिठाई और फल अर्पण करें।

चरण 4: औजारों और मशीनों की पूजा

  • सभी उपकरणों, मशीनों, कंप्यूटर आदि पर हल्दी, चावल और कुमकुम लगाएं।

  • फूल चढ़ाएं और उन पर गंगाजल का छिड़काव करें।

  • इन उपकरणों के अच्छे कार्य और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें।

🕉️ 4. विश्वकर्मा मंत्र

पूजा के दौरान निम्न मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है:

मूल मंत्र:
“ॐ आधार शक्तपे नमः, ॐ कूमयि नमः, ॐ अनन्तम नमः, पृथिव्यै नमः।”

विश्वकर्मा स्तुति:
“त्वं विश्वस्य कर्ता विधाता प्रजापते, विधिं स्थापयस्व लोकानां शुभाय भवतु नः।”

👉 जाप कम से कम 11, 21 या 108 बार करें।

🍽️ 5. प्रसाद वितरण और आरती

  • पूजा के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें

  • आरती करें – दीप जलाकर, घंटी बजाकर श्रद्धा से भगवान की आरती गाएं:

“जय श्री विश्वकर्मा, विश्व के कर्ता,
वेदों के ज्ञाता, शक्ति के दाता…”

📌 6. विश्वकर्मा पूजा के लाभ

  • कार्यस्थल पर सुरक्षा और दुर्घटनाओं से बचाव

  • मशीनों और उपकरणों में दोष रहित कार्य

  • व्यापार और व्यवसाय में सफलता और समृद्धि

  • नौकरी और कर्मक्षेत्र में तरक्की और स्थिरता

✅ निष्कर्ष

विश्वकर्मा भगवान की पूजा श्रद्धा और स्वच्छता से की जाए तो यह अत्यंत फलदायी होती है।
चाहे आप किसी तकनीकी क्षेत्र में हों या सामान्य कर्म में, यह पूजा आपके कार्यस्थल और यंत्रों में प्रभु की ऊर्जा और आशीर्वाद भर देती है।

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