सनातन धर्म, जिसे आज आमतौर पर हिंदू धर्म कहा जाता है, दुनिया का सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक धर्म है। इसकी विशेषता यह है कि इसकी कोई निश्चित उत्पत्ति तिथि नहीं है, क्योंकि यह “अनादि और शाश्वत” माना जाता है।
तो जब हम पूछते हैं — “सनातन धर्म की उत्पत्ति कब हुई?”, तो इसका उत्तर केवल वर्षों में नहीं, बल्कि सृष्टि की रचना के साथ जुड़ा होता है।
🔷 ‘सनातन धर्म’ का शाब्दिक अर्थ क्या है?
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“सनातन” का अर्थ है – शाश्वत, अनादि, नित्य।
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“धर्म” का अर्थ है – जीवन जीने की वह प्रणाली जो सत्य, अहिंसा, करुणा और आत्म-ज्ञान पर आधारित हो।
इसलिए सनातन धर्म का अर्थ है – ऐसा धर्म जो सृष्टि की शुरुआत से है और सृष्टि के अंत तक रहेगा।
🔷 क्या सनातन धर्म की कोई स्थापना तिथि है?
नहीं। सनातन धर्म किसी एक व्यक्ति या घटना से नहीं जुड़ा।
यह कोई “प्रारंभिक तिथि” या “संस्थापक” वाला धर्म नहीं है, जैसे कि ईसाई या इस्लाम।
सनातन धर्म वेदों पर आधारित है, और वेदों की रचना भी ऋषियों द्वारा दिव्य ज्ञान के रूप में मानी जाती है, जिसे श्रुति कहा गया है — अर्थात् सुना गया ज्ञान।
🔷 सनातन धर्म की उत्पत्ति का अनुमानित काल
स्रोत | अनुमानित काल |
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वैदिक काल | लगभग 15000–5000 ईसा पूर्व |
सिंधु घाटी सभ्यता | 7000–3000 ईसा पूर्व |
रामायण काल | लगभग 7000–5000 वर्ष पूर्व |
महाभारत काल | लगभग 3100 ईसा पूर्व |
यह स्पष्ट है कि सनातन धर्म की जड़ें कम से कम 10,000 वर्ष पुरानी हैं, और अनेक प्रमाण इसे सृष्टि के साथ समकालिक भी मानते हैं।
🔷 वेद: सनातन धर्म का मूल आधार
वेद (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) सनातन धर्म के स्तंभ हैं।
इनका ज्ञान ब्रह्मा को प्राप्त हुआ और फिर ऋषियों के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी प्रसारित हुआ।
👉 ऋग्वेद को दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है, जो यह सिद्ध करता है कि सनातन धर्म सैकड़ों नहीं, बल्कि हजारों वर्षों से अस्तित्व में है।
🔷 सनातन धर्म और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
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योग, आयुर्वेद, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र जैसे विषय सनातन धर्म की देन हैं।
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कर्म सिद्धांत, पुनर्जन्म, मोक्ष जैसे गहरे सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।
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आधुनिक वैज्ञानिक भी स्वीकार करते हैं कि वैदिक ज्ञान अत्यंत गहन और वैज्ञानिक था।
🔷 क्या सनातन धर्म आज भी जीवित है?
हां। आज भी करोड़ों लोग सनातन धर्म के सिद्धांतों का पालन करते हैं।
शिव, विष्णु, राम, कृष्ण, देवी – ये सब इस धर्म के विभिन्न स्वरूप हैं।
यह धर्म समय के साथ बिना अपने मूल को छोड़े विकसित हुआ है।
🕉 निष्कर्ष
सनातन धर्म की उत्पत्ति कब हुई – इसका उत्तर समय से परे है। यह धर्म समय से भी पहले का है, इसका कोई एक दिन, एक घटना या एक व्यक्ति इसे जन्म नहीं देता। यह सृष्टि के आरंभ के साथ जन्मा धर्म है।
इसलिए कहा गया है –
🔱 “न आदि न अंत है सनातन का, यह तो सृष्टि के साथ ही चलता आया है।”