June 2025

गीता का पावन ज्ञान अर्जुन से पहले किसे प्राप्त हुआ था?

भगवद् गीता केवल एक धर्मग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक अद्वितीय कला है, जिसे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्धभूमि में अर्जुन को उपदेश स्वरूप दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ज्ञान केवल अर्जुन के लिए नया नहीं था? भगवद्गीता का पावन ज्ञान अर्जुन से पहले भी किसी को दिया गया था।तो […]

गीता का पावन ज्ञान अर्जुन से पहले किसे प्राप्त हुआ था? Read More »

सच्चा संत कौन है? जानिए संत की पहचान, गुण और महत्व

भारत की आध्यात्मिक परंपरा में संतों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन एक आम व्यक्ति के मन में यह प्रश्न अक्सर उठता है — “सच्चा संत कौन है?”क्या वह जो भगवा वस्त्र पहनता है, या वह जो प्रवचन करता है? क्या सच्चा संत केवल किसी आश्रम या मठ का संचालक होता है? इस लेख में

सच्चा संत कौन है? जानिए संत की पहचान, गुण और महत्व Read More »

कबीर के अनुसार इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है?

संत कबीर भारतीय भक्ति आंदोलन के महान कवि और समाज सुधारक थे। उन्होंने धार्मिक आडंबरों, जातिवाद, बाह्य पूजा और कर्मकांड का खुलकर विरोध किया और एक ऐसे समाज की कल्पना की जहाँ प्रेम, करुणा और आध्यात्मिकता का राज हो। उनकी रचनाओं में यह प्रश्न बार-बार उठता है — “सच्चा संत कौन होता है?” आइए, जानते

कबीर के अनुसार इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है? Read More »

इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है?

हमारे शास्त्रों, ग्रंथों और संतों की वाणी में “संत” को बहुत उच्च स्थान दिया गया है। लेकिन प्रश्न उठता है कि — इस संसार में सच्चा संत कौन होता है?क्या वह जो भगवा वस्त्र पहनता है? क्या वह जो आश्रम चलाता है? या वह जो जीवन को त्याग कर जंगलों में तप करता है? इस

इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है? Read More »

निर्गुण भक्ति साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि तथा प्रमुख संत कवि और उनके योगदान का उल्लेख कीजिए

र्गुण भक्ति आंदोलन भारतीय साहित्य, दर्शन और समाज सुधार की दृष्टि से एक अत्यंत प्रभावशाली और क्रांतिकारी विचारधारा रही है। यह आंदोलन भक्ति की उस परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें ईश्वर को निर्गुण (रूप-रहित, निराकार) और सार्वभौमिक चेतना के रूप में स्वीकार किया गया। 🌿 निर्गुण भक्ति साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि निर्गुण भक्ति का

निर्गुण भक्ति साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि तथा प्रमुख संत कवि और उनके योगदान का उल्लेख कीजिए Read More »

जन्मदिन मुबारक! एक नई यात्रा की शुरुआत पर शुभकामनाएं

“आपके विशेष दिन पर शुभकामनाएं, क्योंकि आप इस साल एक और अद्भुत यात्रा शुरू करते हैं। जन्मदिन मुबारक हो!”जन्मदिन सिर्फ एक तारीख नहीं होती — यह एक नई शुरुआत होती है, नए अवसरों की ओर बढ़ने का संकेत और जीवन के हर पल को पूरी ऊर्जा के साथ जीने की प्रेरणा। 🌟 क्यों खास होता

जन्मदिन मुबारक! एक नई यात्रा की शुरुआत पर शुभकामनाएं Read More »

कौन सा संप्रदाय भगवान विष्णु और उनके अवतारों की भक्ति में विश्वास करता है?

हिंदू धर्म में ईश्वर को त्रिमूर्ति के रूप में जाना जाता है—ब्रह्मा (सृष्टि), विष्णु (पालन) और महेश/शिव (संहार)। इनमें भगवान विष्णु को पालक माना गया है, जो संसार की रक्षा के लिए समय-समय पर विभिन्न रूपों में अवतरित होते हैं। भगवान विष्णु और उनके अवतारों की उपासना करने वाले अनुयायियों का जो प्रमुख धार्मिक समूह

कौन सा संप्रदाय भगवान विष्णु और उनके अवतारों की भक्ति में विश्वास करता है? Read More »

कौन सा संप्रदाय भगवान विष्णु और उनके अवतारों की भक्ति में विश्वास करता है?

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। वे त्रिदेवों में से एक हैं — ब्रह्मा (सृजन), विष्णु (पालन) और शिव (संहार)। भगवान विष्णु के अनेक अवतारों, विशेषकर राम और कृष्ण, की भक्ति ने भारतीय धार्मिक चेतना को गहराई से प्रभावित किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं

कौन सा संप्रदाय भगवान विष्णु और उनके अवतारों की भक्ति में विश्वास करता है? Read More »

निर्गुण भक्ति साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि तथा प्रमुख संत कवि और उनके योगदान का उल्लेख

निर्गुण भक्ति आंदोलन भारतीय साहित्य और समाज के इतिहास में एक क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक है। यह आंदोलन 14वीं से 17वीं शताब्दी के बीच विशेष रूप से उत्तर भारत में विकसित हुआ और इसका प्रमुख उद्देश्य था — ईश्वर को निर्गुण (रूपहीन, निराकार) मानकर उसकी उपासना करना। आइए जानते हैं इस साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि,

निर्गुण भक्ति साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि तथा प्रमुख संत कवि और उनके योगदान का उल्लेख Read More »

भगवान शिव ने कैसे रोका मां काली का रास्ता?

भारतीय पौराणिक कथाएं देवी-देवताओं की लीला, शक्ति और भक्ति से भरी हुई हैं। इन्हीं कथाओं में एक प्रसिद्ध प्रसंग है — “जब मां काली का क्रोध चरम पर था और संहार करने के लिए वे अग्रसर थीं, तब भगवान शिव ने उनका रास्ता कैसे रोका?” यह कथा केवल पौराणिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक संकेतों और मानव

भगवान शिव ने कैसे रोका मां काली का रास्ता? Read More »

Shopping Cart
Scroll to Top