महाशिवरात्रि कब की है? तिथि, दिनांक, और पूजा का सही समय जानें

📘 प्रस्तावना:

महाशिवरात्रि कब की है, महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और अत्यंत पवित्र पर्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है और भक्तगण इस दिन उपवास, रात्रि जागरण और विशेष पूजा करते हैं।

प्रत्येक वर्ष यह सवाल पूछा जाता है:
👉 “महाशिवरात्रि कब है?”
👉 कौन-सी तिथि को मनाई जाती है?
👉 पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है?

इस लेख में आप जानेंगे:
✅ महाशिवरात्रि 2025 की तारीख
✅ तिथि और मुहूर्त
✅ ज्योतिषीय महत्व
✅ इस दिन क्यों रखा जाता है व्रत

🔱 महाशिवरात्रि 2025 में कब है?

महाशिवरात्रि 2025 की तिथि:
📅 26 फरवरी 2025, बुधवार

महाशिवरात्रि व्रत मुहूर्त:

  • निशिता काल पूजा का समय: रात 12:09 बजे से 12:58 बजे तक

  • व्रत पारण (समापन) समय: 27 फरवरी की सुबह ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय के बाद

🕉️ यह समय विशेष रूप से शिवलिंग पर अभिषेक, मंत्र जाप, और ध्यान के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

📖 महाशिवरात्रि कब की है

महाशिवरात्रि हर वर्ष:

🔹 फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है
🔹 यह तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र मास की अंतिम रात्रि होती है
🔹 इसे “महान शिव रात्रि” कहा जाता है, क्योंकि यह रात शिव तत्व की ऊर्जा से भरपूर होती है

🌌 ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व

  • इस रात चंद्रमा और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण विशेष स्थिति में होता है

  • साधना, मंत्र जाप, ध्यान और रात्रि जागरण से आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है

  • यह दिन कुंडलिनी जागरण और शिव तत्व से जुड़ने का सर्वोत्तम अवसर है

🕯️ महाशिवरात्रि पर क्या करें?

✅ अवश्य करें:

  • दिनभर व्रत रखें (फलाहार या निर्जल)

  • शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र चढ़ाएं

  • महामृत्युंजय मंत्र या “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें

  • रात्रि को चार प्रहर में पूजा करें

  • मंदिर जाकर दर्शन करें या घर पर शिव पूजन करें

❌ इनसे बचें:

  • तामसिक भोजन (लहसुन-प्याज, मांसाहार)

  • क्रोध, झूठ, छल, द्वेष

  • व्रत तोड़ना या अपवित्रता रखना

  • पूजा के समय ध्यान में अशुद्धता

📱 सोशल मीडिया स्टेटस और कैप्शन के लिए लाइनें:

  • भोले की भक्ति में लीन हो जाएं,
    महाशिवरात्रि की रात्रि शिव में खो जाएं।

  • हर हर महादेव! महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।

  • 26 फरवरी को है शिवरात्रि — भगवान शिव का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।

निष्कर्ष:

महाशिवरात्रि केवल एक व्रत नहीं, यह भगवान शिव के साथ आत्मा के मिलन का पर्व है।
26 फरवरी 2025 को आने वाली यह पावन रात्रि हमें याद दिलाती है कि शिवभक्ति से ही जीवन में शांति, शक्ति और मोक्ष प्राप्त होता है।

🌸 “जब जीवन में अंधकार हो, तब शिव की रात्रि ही प्रकाश बनती है। हर हर महादेव!”

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