संयुक्त राष्ट्र संघ मानव विकास सूचकांक 2022 में भारत को किस पायदान पर बताया गया है

📊 प्रमुख तथ्य:

  • भारत का HDI स्कोर 2022 में 0.644 था, जो इसे मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखता है

  • रैंकिंग की बात करें तो 193 देशों की सूची में भारत को 134वां स्थान मिला

  • 1990 से 2022 के बीच भारत का HDI 0.434 से लेकर 0.644 पर चढ़ा, जो 48.4% सुधार के बराबर है

✅ HDI (Human Development Index) क्या मापता है?

HDI तीन मुख्य परिमाणों पर आधारित होता है:

  1. स्वास्थ्य – जीवन प्रत्याशा

  2. शिक्षा – औसत और प्रत्याशित शिक्षा वर्ष

  3. आजीविका – प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI)

इन्हें एकत्र कर कुलांक (HDI स्कोर) निकालकर देशों का वर्गीकरण किया जाता है:

  • उच्च (High)

  • मध्यम (Medium)

  • निम्न (Low)

भारत का HDI 0.644 था, जिससे उसे मध्यम मानव विकास वर्ग में माना गया

📉 भारत की स्थिति और सुधार

  • HDI मान: 0.644

  • रैंक: 134/193

  • स्थिति: मध्यम मानव विकास

  • 2021 की तुलना में: रैंक 135 से सुधार

  • 2020 की तुलना में: ऊपर से एक या दो पायदान उन्नति

स्तर सुधार मुख्यतः जीवन प्रत्याशा, शिक्षा की अवधि और आय वृद्धि से प्रभावित था।

🧭 अतिरिक्त संदर्भ – हालिया सुधार

  • हालांकि आपके प्रश्न का फोकस 2022 पर है, लेकिन यह जानकारी भी उपयोगी हो सकती है:
    2023 के मानव विकास सूचकांक में, भारत ने 130वां स्थान हासिल किया, जिसका स्कोर 0.685 था

🚀 2023-में हुई उन्नति

हाल की रिपोर्ट (HDR 2025, डेटा-2023) में:

  • HDI मान बढ़कर 0.685 हो गया

  • भारत की रैंक बढ़कर 130वां हो गई

  • इसके बावजूद, भारत अब भी मध्यम मानव विकास के अंतर्गत ही है, क्योंकि उच्च मानव विकास के लिए HDI ≥ 0.700 जरूरी होता है।

🗺️ राष्ट्रीय संदर्भ

भारत के कुछ राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश HDI में आगे हैं:

  • गोवा (0.806), केरल (0.799), दिल्ली (0.779) जैसे हिस्से अब “उच्च” मानव विकास के अंतर्गत आते हैं

🧭 निष्कर्ष

  • संयुक्त राष्ट्र की HDI 2022 रिपोर्ट के अनुसार, भारत 134वें स्थान पर है।

  • इससे बीच-बीच के औसत दर्जे तक के विकास का पता चलता है,
    जहाँ स्वास्थ्य, शिक्षा और आय वृद्धि में प्रगति हो रही है,
    लेकिन अभी भी अन्य देशों की तुलना में सुधार की गुंजाइश है

भारत HDI स्कोर में सुधार कर उच्च मानव विकास श्रेणी तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। यह लक्ष्य पाने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और आय समानता में सतत प्रयास जारी रहना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top